Veer Savarkar Movie Review: दो विचारधाराओं का टकराव रणदीप हुड्डा ने किया कमाल जाने कैसी है सावरकर मूवी

रणदीप हुड्डा की फिल्म जिसके लिए उन्होंने अपनी बॉडी का भी ट्रांवपर्मेशन किया था Veer Savarkar Movie थिएटर के अंदर रिलीज हो चुकी है जहां पर हमें रणदीप हुड्डा स्वतंत्र वीर सावरकर के रोल में देखने को मिलते हैं और उनका डेडीकेशन फिल्म के लिए अलग ही झलकता है जहां पर फिर चाहे उनकी एक्टिंग हो या फिर उनके दमदार डायलॉग हो सब कुछ बहुत ही बेहतरीन हमें स्वतंत्र वीर सावरकर मूवी के अंदर देखने को मिलता है जहां पर कुछ कमियां भी हमें इस फिल्म के अंदर देखने को मिलती है पर इतनी कमाल की कहानी और प्रेजेंटेशन के सामने आप उन कमियों को नजर अंदाज कर दोगे पर अगर आपने Veer Savarkar Movie को पॉलिटिकल एंगल से देखा तो फिर आपको यह फिल्म पसंद भी आ सकती है और पसंद नहीं भी आ सकती यह आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आप किसी पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट करते हो तो आईए बात करते हैं कि वीर सावरकर मूवी कैसी है 

Veer Savarkar Movie Story In Hindi 

तो अगर स्वतंत्र वीर सावरकर मूवी की कहानी की बात करें तो की आखिर हमें Randeep Hooda की इस फिल्म के अंदर क्या कहानी दिखाई जाती है स्वतंत्र Veer Savarkar Movie की कहानी वीर सावरकर के ऊपर है घूमने वाली है दरअसल यह उनकी बायोपिक है तो उनकी पूरी कहानी को उनके नजरिए से हमारे सामने रखा जाता है जहां पर वह आजादी के लिए क्या-क्या कर सकते हैं यह दिखाया जाता है और खास करके इस मुद्दे पर फोकस किया जाता है कि आजादी अहिंसा से नहीं मिली है बल्कि उस अहिंसा के पीछे कितने लोगों ने अपना बलिदान दिया है उससे हमें आजादी मिली है जहां पर हमें स्वतंत्र वीर सावरकर किस-किस जगह पर जा रहे हैं जैसे कि वह कभी लंदन जाते हैं तो कभी उनके कामों की वजह से उन्हें काला पानी की जैल हो जाती है और वहां पर उनकी जिंदगी कैसे व्यतीत होती है यह हमें बहुत ही अच्छे तरीके से स्वतंत्र वीर सावरकर मूवी के अंदर दिखाया जाता है 

Veer Savarkar Movie Review In Hindi 

वीर सावरकर मूवी एक बहुत ही बेहतरीन फिल्म है जिसके अंदर हमें बहुत ही कमाल कमाल के मोमेंट देखने को मिलते हैं सबसे पहले तो इसके डायलॉग कि मैं बात करना चाहूंगा बहुत ही बेहतरीन और इंपैक्ट फुल डायलॉग रणदीप हुड्डा के द्वारा स्वतंत्र Veer Savarkar Movie के अंदर मारे गए हैं और वह बहुत ही ज्यादा इंपैक्टफुल और कमाल के लगते हैं इसी के साथ में इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी बहुत ही ज्यादा बेहतरीन है अगर स्वतंत्र वीर सावरकर मूवी के स्क्रीनप्ले की बात करें तो इसका फर्स्ट हाफ आपको इतना ज्यादा पसंद नहीं आने वाला है क्योंकि फर्स्ट हाफ पूरी स्टोरी को बिल्ड करने में ही निकल जाता है पर जैसे ही Veer Savarkar Movie का सेकंड हाफ शुरू होता है तो यह फिल्म आपको बहुत ही ज्यादा इंगेजिंग लगने वाली है और खास करके तो वह मोमेंटो जहां पर वीर सावरकर को काला पानी की जैल हो जाती है और वहां पर उनके ऊपर जो अत्याचार होने वाले हैं वह बहुत ही ज्यादा ब्रूटल तरीके से हमें वीर सावरकर मूवी के अंदर दिखाए गए हैं वीर सावरकर मूवी एक बहुत ही कमाल की फिल्म है जिसके अंदर हमें बहुत ही बेहतरीन स्टोरी के साथ स्क्रीन प्ले भी बहुत ही ज्यादा कमाल का दिखाया जाता है

स्वतंत्र वीर सावरकर मूवी कैसी है?

वीर सावरकर मूवी के अंदर हमें दो विचारधाराओं का टकराव खास करके देखने को मिलता है एक विचारधारा है अहिंसा वाली और दूसरी विचारधारा है हिंसा वाली जहां पर एक तरफ के लोगों का कहना है कि हमें अहिंसा से आजादी मिल सकती है वहीं दूसरे तरफ के लोगों का कहना है कि अहिंसा से हमें आजादी नहीं मिलेगी बल्कि अगर हम भूख हड़ताल करेंगे तो अंग्रेजों का कुछ भी नहीं जाने वाला है मौत हमारी ही होगी और यह वीर सावरकर की आईडियोलॉजी है और वह अपनी विचारधारा के ऊपर कितने सही तरीके से काम करते हैं यह आपको Veer Savarkar Movie के अंदर भी बहुत सी जगह पर देखने को मिलेगा जहां पर वह एक बार भी अपनी विचारधारा को बदलने की कोशिश नहीं करते बल्कि इस पर अड़े रहते हैं और इसे रणदीप हुड्डा ने स्क्रीन पर बहुत ही अच्छे तरीके से दिखाया है .

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